sidh kunjika Fundamentals Explained
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
इश्क के जाल में फंसाकर चल रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं more info न रहस्यकम् ।
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.